दोस्ती : एक उन्मुक्त रिश्ता
जिंदगी में एक रिश्ता जो हम खुद चुनते है। खुद सवारते है, ये रिश्ता होता है दोस्ती का। हर रिश्ते में अपेक्षाए होती है और समय समय पर जरूरी भी है, लेकिन हर समय अपेक्षा करते रहना अपको अपने दोस्तो से दूर ले जाती है। ऐसा जरूरी नहीं है कि अपका दोस्त हर वक़्त अपके लिए उपलब्ध हो। सभी की अपनी जरूरत है, अपनी व्यस्तताए होती हैं। अगर अपका दोस्त ज्यदा व्यस्त है तो इसका मतलब ये नहीं कि वो जानबूझकर ऐसा कर रहा है। समय के साथ सभी की प्राथमिकताएं बदलती हैं, कभी पढ़ाई, तो कभी एग्जाम तो कभी कुछ और चीज की जिम्मदारियां। ऐसे में जब आप बुलाएं तब वो वहां मौजूद हो ऐसा जरूरी नहीं होता। आप समझदार लोगो में से है तो आप की इस रिश्तों में समझदारी दिखाएं। मै ये नहीं कहता कि आप ही इस चीज को हमेशा समझे लेकिन दोस्त भी तो अपके हैं, और उसको आपकी जरूरत है। दोस्ती में कोई बड़ा या छोटा नहीं होता।
i'msonuamit
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